इज़हार मोहब्बत का कुछ ऐसे हुआ,
क्या कहें की प्यार कैसे हुआ,
उनकी एक झलक पे निसार हुए हम,
सादगी पे मर-मिटे और आँखो से इक़रार हुआ!
दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरो से दिललगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया
आँखों की गहराई को समझ नही सकते,
होंठो से कुछ कह नही सकते,
कैसे बयान करे हम आपको यह दिल का हाल की,
तुम ही हो जिसके बिना हम रह नही सकते!
तुम्हारे प्यार की दास्तां हमने अपने दिल में लिखी है,
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है,
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल,
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है!
वो भुल गये की उन्हे हँसाया किसने था,
जब वो रुठते तो मनाया किसने था
आज वो कहते है कि मे बहुत खुबसुरत हू,
शायद वो भुल गये की उन्हे ये बताया किसने था
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर,
भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर,
वो क़यामत तलक तेरे पास ना आयेंगे,
इनके आने का नादान तू इन्तजार ना कर
हिम्मत इतनी तो नहीं मुझमे के,
तुझे दुनिया से छीन लूँ ,
लेकिन मेरे दिल से कोई तुझे निकाले,
इतना हक तो मैंने खुद को भी नहीं दिया.
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