Monday 27 November 2017

अंजाम की परवाह होती तो, लव शायरिया जो आपके मन को छू जाएगी

तड़पते हैं, न रोते हैं, न हम फ़रियाद करते हैं, 
सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते हैं, 
उन्हीं के इश्क़ में हम दर्द की फरियाद करते हैं, 
अब देखते हैं किस दिन हमें वो याद करते हैं।

अंजाम की परवाह होती तो,
हम मोहब्बत करना छोड़ देते,
मोहब्बत में तो जिद्द होती है,
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम।

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इकरार बदलते रहते है इंकार बदलते रहते हैं, 
कुछ लोग यहाँ पर ऐसे है जो यार बदलते रहते हैं।

तु दिल से ना जाये तो मैं क्‍या करू,
तु ख्‍यालों से ना जाये तो मैं क्‍या करू,
कहते है ख्‍वावों में होगी मुलाकात उनसे,
पर नींद न आये तो मैं क्‍या करू।

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मिले न फूल तो काँटों से जख्म खाना है, 
उसी गली में मुझे बार-बार जाना है, 
मैं अपने खून का इल्जाम दूँ तो किसको दूँ, 
लिहाज ये है कि क़ातिल से दोस्ताना है।

तेरे इंतजार में कब से उदास बैठे हैं,
तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं,
तू एक नज़र हम को देख ले बस,
इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं।

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