Friday 1 September 2017

जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को, LOVE SHAYARI

जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को,
एक जलता चराग सा नज़र आऊगा मैं।
राह से रहगुज़र बन के भी गुजर जाओगी,
एक मिल का पत्थर सा खड़ा नज़र आऊगा मैं।

रिवाज तो यही है दुनिया का,
मिल जाना और बिछड़ जाना।
पर जाने तुझ से ये कैसा रिश्ता है,
ना मिलती हो ना बिछड़ती हो।


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तुझे कोई और भी चाहे,
इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है।
पर फखर है मुझे इस बात पे कि,
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है।

मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं।
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।



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खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह करता हूँ।
मालूम है कोई मोल नहीं मेरा,
फिर भी अनमोल लोगों से रिश्ता रखता हू।

तुम्हारे प्यार की दास्तां हमने अपने दिल में लिखी है,
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है।
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल,
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है।



इस दिल मे प्यार था कितना,
वो जान लेते तो क्या बात होती।
हमने माँगा था उन्हें ख़ुदा से,
वो भी माँग लेते तो क्या बात होती।

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