एक रिश्ता जो मुँह बोला था
उसका भी तुमने तिरस्कार किया
छोड़ कर दुर चले गये
ये कैसा तुम्हारा प्यार हुआ
Ek rishta jo muh bola tha
Uska bhee tumne tiraskaar kiya
Chhod kar dur chale gaye
Ye kaisa tumhaara pyaar hua
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता है,
जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती,
सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!
Saari umar poojte rahe log,
Apne haath se banaye hue Khuda ko,
Humne Khuda ke haath se bane insaan ko chaha,
Toh gunehgaar ho gaye.
दिल का दर्द युँ लफ़्ज़ों में बयाँ करते ही नहीं,
तेरी तसवीर आँखों से न बह जाये इसलिये रोते ही नहीं।
तेरे इश्क़ का जुनुँ छाया है इस क़दर,
ज़िंदा हैं ईसी ग़ुमान में वर्ना हम होते ही नहीं।
मुझे नींद की इजाज़त भी उनकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद आराम से सोये हैं मुझे करबटों में छोड़ कर।
Na Chand Apna Tha Aur Na Tu Apna Tha,
Kaashh Dil Bhi Maan Leta Ki Sab Sapna Tha
इस दिल मे प्यार था कितना,
वो जान लेते तो क्या बात होती,
हमने माँगा था उन्हें ख़ुदा से,
वो भी माँग लेते तो क्या बात होती !
रिश्तो की दुनिया में अक्सर ऐसा होता है,
दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है।
झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए,
क्योंकी हर रिश्ता एक नाज़ुक समझौता होता है ।
मेरे दिल कि सरहद को पार न करना,
नाजुक है दिल मेरा वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
उसका भी तुमने तिरस्कार किया
छोड़ कर दुर चले गये
ये कैसा तुम्हारा प्यार हुआ
Ek rishta jo muh bola tha
Uska bhee tumne tiraskaar kiya
Chhod kar dur chale gaye
Ye kaisa tumhaara pyaar hua
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता है,
जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती,
सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!
Saari umar poojte rahe log,
Apne haath se banaye hue Khuda ko,
Humne Khuda ke haath se bane insaan ko chaha,
Toh gunehgaar ho gaye.
दिल का दर्द युँ लफ़्ज़ों में बयाँ करते ही नहीं,
तेरी तसवीर आँखों से न बह जाये इसलिये रोते ही नहीं।
तेरे इश्क़ का जुनुँ छाया है इस क़दर,
ज़िंदा हैं ईसी ग़ुमान में वर्ना हम होते ही नहीं।
मुझे नींद की इजाज़त भी उनकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद आराम से सोये हैं मुझे करबटों में छोड़ कर।
Na Chand Apna Tha Aur Na Tu Apna Tha,
Kaashh Dil Bhi Maan Leta Ki Sab Sapna Tha
इस दिल मे प्यार था कितना,
वो जान लेते तो क्या बात होती,
हमने माँगा था उन्हें ख़ुदा से,
वो भी माँग लेते तो क्या बात होती !
रिश्तो की दुनिया में अक्सर ऐसा होता है,
दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है।
झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए,
क्योंकी हर रिश्ता एक नाज़ुक समझौता होता है ।
मेरे दिल कि सरहद को पार न करना,
नाजुक है दिल मेरा वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
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