Friday 14 July 2017

तो रो दिए... LOVE SHAYARI

उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर,
अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए,
बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए,
साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।


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हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं कभी आँखें बरसतीं हैं।


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राह में संग चलूँ ये न गँवारा उसको,
दूर रहकर वो करता है इशारे बहुत।
नाम तेरा कभी आने न दिया होंठों पर,
यूँ तेरे जिक्र से शेर सँवारे हैं बहुत।

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बरसों बाद भी तेरी जिद की आदत नहीं बदली,
काश हम मोहब्बत नहीं तेरी आदत होते।


मेरी जिंदगी की कहानी भी बड़ी मशहूर हुई,
जब मैं भी किसी के ग़म में चूर हु।ई
मुझे इस दर्द के साथ जीना पड़ा,
कुछ इस कदर मैं वक़्त के हाथों मजबूर हुई।
मैंने जिसे भी चाहा अपना बनाना,
सबसे पहले वही चीज मुझसे दूर हुई।
एक बार जो गए फिर कहाँ मिले वो लोग
जिनके बिना मेरी जिंदगी बेनूर हुई।


प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।

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